बरसों बाद उनका महफ़िल में उनका नाम आया
पतझड़ के पेड़ों में हरेपन का निशाँ आया
जब उड़ेलुं तेरे पैमाने से गले में शराब साकी
बने है दिल में ग़ज़ल होठों पर तेरा नाम आया
मैकशी में अब वह मजा कहाँ रहा
की जिसने आंखों से पी उसे मयखाना कहा काम आया
हम सबा से पूछते हैं नामबर का पता
मेह्नत ये मेरी बस पत्ते खड़काने के काम आया
पतझड़ के पेड़ों में हरेपन का निशाँ आया
जब उड़ेलुं तेरे पैमाने से गले में शराब साकी
बने है दिल में ग़ज़ल होठों पर तेरा नाम आया
मैकशी में अब वह मजा कहाँ रहा
की जिसने आंखों से पी उसे मयखाना कहा काम आया
हम सबा से पूछते हैं नामबर का पता
मेह्नत ये मेरी बस पत्ते खड़काने के काम आया