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Tuesday, September 16, 2008

मैं

मेरी आशिकी के रंग बड़े अजीब हैं
बेजुबां प्यार का सिलसिला रहा किया है

हाथ कर जिंदगी फिसल जाती है कुछ यूँ
गोया हवाओं का झोखा रहा किया है

सच है अकेला नही हूँ मैं
ना-मालूम किसका इन्तेजार रहा किया है

एक तनहा मुहब्बत की गवाही दूंगा मैं
शायद मेरा प्यार मुझ ही से रहा कीया है

जाने किस किस गली ढूंढा था मैंने खुद को
मेहरबानों ने मुझे मेरा वजूद बता दीया है

ज़माने की इनायतों में सराबोर हुआ मैं
मेरे दर्दों ने मुझे बहुत मजा दिया है